सिर्फ स्मृतियों के पदचिन्ह ही जीवन के पन्नों पर उकेर जाता है। सिर्फ स्मृतियों के पदचिन्ह ही जीवन के पन्नों पर उकेर जाता है।
पोथी पढ़कर मिले न ज्ञान अपने अंतर को पहचान। पोथी पढ़कर मिले न ज्ञान अपने अंतर को पहचान।