हाथों में फावड़े हैं हर रोज़ की तरह, मुझे कहाँ ख़बर है कि आज दिवस मज़दूर है। हाथों में फावड़े हैं हर रोज़ की तरह, मुझे कहाँ ख़बर है कि आज दिवस मज़दूर है।