मैं अंधकार हूँ मानव के मन के भीतर का, तूँ है राधा श्रीकृष्ण के परिशुद्ध प्रेम सा....! मैं अंधकार हूँ मानव के मन के भीतर का, तूँ है राधा श्रीकृष्ण के परिशुद्ध प्रेम...