शर्म है मुझको पुरुष होने पर, जो नारी की साख न जानी, वक़्त है अब दिखलाये क्यों है नारी, शर्म है मुझको पुरुष होने पर, जो नारी की साख न जानी, वक़्त है अब दिखलाये क्य...