ढलती हुई साँझ के पायदान पे पाँव रख, हौले से उतर आई थी, इस भीड़ भरी दुनियाँ में। ढलती हुई साँझ के पायदान पे पाँव रख, हौले से उतर आई थी, इस भीड़ भरी दुनि...