'तुम जङ बनकर सब बाँध रही, मैं खिलती फूल-पात सी हूँ, मत बोलो माँ, मैं दूर गई, जो कुछ भी हूँ, बस तुमसे... 'तुम जङ बनकर सब बाँध रही, मैं खिलती फूल-पात सी हूँ, मत बोलो माँ, मैं दूर गई, जो ...