कभी खाना न मिले, तो पानी पीके ही सो जाता, सर पे आसमान की छत, और पृथ्वी का बिछौना होता कभी खाना न मिले, तो पानी पीके ही सो जाता, सर पे आसमान की छत, और पृथ्वी का बिछौना...