ओस की बूंद सी है निर्मल, निश्छल फिर प्रकृति जन्मी है हाँ यही है नवांकुर। ओस की बूंद सी है निर्मल, निश्छल फिर प्रकृति जन्मी है हाँ यही है नवांकुर...