विकराल तांडव नाथ फिर इतनी धरा पर कीजिए । हर पाप का बदला यहाँ नटराज बनकर लीजिए विकराल तांडव नाथ फिर इतनी धरा पर कीजिए । हर पाप का बदला यहाँ नटराज बनकर लीजिए
ज़िन्दगी का कुछ भी भरोसा नहीं हर लम्हा जी भर कर जिया कीजिए। ज़िन्दगी का कुछ भी भरोसा नहीं हर लम्हा जी भर कर जिया कीजिए।