सोंच का समन्दर कुछ गहरा इतना निकला राही, के उम्मीदों की गाड़ी को लहरों पर चलाना पड़ा।। सोंच का समन्दर कुछ गहरा इतना निकला राही, के उम्मीदों की गाड़ी को लहरों पर चलान...