हूँ त्रसित बहुत अब पीड़ा से अब धीर नहीं बंधने पाता करुणा मधु रस बरसा जाओ कर बद्ध अनुग्रह हे दा... हूँ त्रसित बहुत अब पीड़ा से अब धीर नहीं बंधने पाता करुणा मधु रस बरसा जाओ क...