हाल बेकस है ऐसा; क्या कहें 'ज़ाहिद ' रोटियां भी छपने लगी हैं इश्तहारों में। हाल बेकस है ऐसा; क्या कहें 'ज़ाहिद ' रोटियां भी छपने लगी हैं इश्तहारों में।