पूर्ण आहुति देकर तन की क्या संचित कर बैठे हो, करो आत्मविश्लेषण फिर से क्या गलती कर ब पूर्ण आहुति देकर तन की क्या संचित कर बैठे हो, करो आत्मविश्लेषण फिर से क...
इस कविता में मैंने एक मानवीकरण उपकरण द्वारा उन सब से सवाल करने की कोशिश की है , जिसके लिए इंसान हर ... इस कविता में मैंने एक मानवीकरण उपकरण द्वारा उन सब से सवाल करने की कोशिश की है ,...