कितना भी गुणगान करूं पर, पूरी नहीं होती उनकी गाथा। जय जय हो सैनिक वीर, तुम ही हो मेरे देश की प्राचीर... कितना भी गुणगान करूं पर, पूरी नहीं होती उनकी गाथा। जय जय हो सैनिक वीर, तुम ही हो...