कहीं घेरे भीड़, कहीं मंच सूना है, कहीं धूप छांव, कहीं ठहरा अंधेरा है। कहीं घेरे भीड़, कहीं मंच सूना है, कहीं धूप छांव, कहीं ठहरा अंधेरा है।