ज़िन्दा हूँ मैं
ज़िन्दा हूँ मैं
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टूटे इतने अपनी दीवानगी से, कि
दिल ने कहा न जीयो दर्द हद हो गई,
दर्द में है तन्हा जुदाई का आलम,
यादों की हर शाम बर्बाद हो गयी,
चाहा जिसे दिल ने जिन्दगी में,
उनकी याद में जीना शर्त हो गयी।
ज़िन्दा हूँ मैं दम है,
तबतक लिखेंगे हम,
जब तक गम है,
तबतक जीयेंगे हम,
परवाह करें वो,
जिनके लिये मरेंगे हम।