माना कि मैं हर महफ़िल में मुस्कुराता हूँ, धोख़ेबाज़ हूँ दरअसल ग़मों को छुपाता हूँ! माना कि मैं हर महफ़िल में मुस्कुराता हूँ, धोख़ेबाज़ हूँ दरअसल ग़मों को छुपाता हूँ...