तू हर पल मेरे साथ हो
तू हर पल मेरे साथ हो
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हसरतों के शहर में तू दूर कहीं बसा था,
ख्वाबों में बस यूं ही चल रहा था,
क्या कहूं कि बड़ी शिद्दत से तुझे पाने की कोशिश की थी,
ईश्वर से हर पल बस तुझसे मिलाने की सिफारिश की थी,
एक दिन तुम मिल ही जाओगे यह न सोचा था ,
ईश्वर को दुआ मंजूर होगी कभी यह ना सोचा था ,
तेरे सीने में सर रखकर जब - जब सोई हूं मैं,
क्या कहूं कि ख़ुद को उतनी बार खुशनसीब समझ बैठी हूं मैं,
शुक्रिया जितना भी अदा करूं उस ख़ुदा से वह कम ही है,
जानती हूं कि तू उस जन्नत के जहां से भी ख़ूबसूरत है,
अब बस यही ख्वाहिश मैं रखती हूं कि हर सवेरे तेरे चेहरे से मेरा दीदार हो,
हर पल तेरे हाथों में मेरा हाथ हो,
एहसासों में ही नहीं तू हकीकत में भी हर पल मेरे साथ हो ।
