तुझ बिन
तुझ बिन
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ये दोस्त तेरी यारी से मेरी दुनिया है
तेरे साथ तो हर जंग में भी जीत है
वक़्त भी पता नहीं लगता तेरे पास
होने से
बेचैन रहता है मेरा दिल भी तेरे जरा
से दूर होने से
खो न दूँ कोई भी लम्हा तेरे बिना
वो पल मुझे मंज़ूर नहीं।
हो न दूर मुझसे वो पल भी
मुझे मंज़ूर नहीं।
साथी है तू मेरा हर आलम का
तेरे बिना हो जीना वो लम्हा कभी
मंज़ूर नहीं
ये दोस्त तेरी यारी से मेरी दुनिया है
परखता गया जब जब तेरी यारी को
दंग रह गया तेरी ताकत दुआओ को
तेरे बिना हो पल भी मुमकिन वो दिन
कभी न आये।