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Ruchi Sinha

Others

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Ruchi Sinha

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सपना

सपना

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मेरा एक सपना था , जो सपना ही बना रहा। 

पूरा करने की कोशिश की.. पर सच, कहाँ हो सका !


वो सपना सभी ने देखा था .. मेरी आँखों में..

पर उसे टूटते हुए बस मैंने देखा…..सभी की आँखों में..


वो सपना टूट गया, लगा ..जैसे कुछ छूट गया I


काश कि वो सपना टूटता नहीं , 

सँवरता ना सहीं, पर बिखरता तो नहीं। 


उसके सहारे मैं ज़िन्दगी जी जाती, 

बिन मरे मुझे मौत तो ना आती। 


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