सपना
सपना
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मेरा एक सपना था , जो सपना ही बना रहा।
पूरा करने की कोशिश की.. पर सच, कहाँ हो सका !
वो सपना सभी ने देखा था .. मेरी आँखों में..
पर उसे टूटते हुए बस मैंने देखा…..सभी की आँखों में..
वो सपना टूट गया, लगा ..जैसे कुछ छूट गया I
काश कि वो सपना टूटता नहीं ,
सँवरता ना सहीं, पर बिखरता तो नहीं।
उसके सहारे मैं ज़िन्दगी जी जाती,
बिन मरे मुझे मौत तो ना आती।
