STORYMIRROR

Javaid Tahir

Others

5.0  

Javaid Tahir

Others

सिसक

सिसक

1 min
336


ज़िन्दगी है मगर नवा तो नहीं

लिख लोह क़लम, मगर सज़ा तो नहीं


भेजना है तो ख़त के टुकड़े कर

दिल में तेरे, बसा तो नहीं


मौत से कह दे मुझसे क्या डरना

लगती मुझे कोई, दुआ तो नहीं


हर जुर्म खड़ा बेबसी के साहिल पे

पत्थरों का कोई, ईमान तो नहीं


मुझे अब तवक़को नहीं तेरे आने की

अब़र बरसे, मैं भीगा तो नहीं


ये दुनिया पूछेगी मेरे जाने के बाद

ये कौन लिख गया, पता तो नहीं


उठ गया जावेद भी चार कांधों पे आज

देखना कोई गिरा तो नहीं



Rate this content
Log in