शुक्रिया
शुक्रिया
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शुक्रिया मेरे चमन को
बियाबान बनाने का
मेरे हिंदुस्तान को लिंचिस्तान बनाने का
मोहब्बत की मिसाल थी
तहजीब जहाँ की
उस मुल्क के इंसानों को
हिंदू और मुसलमान बनाने का
वो राम थे जो छोड़ आए
हर खुशी अपनी, वास्ते भरत के
उस भाई के नाम पर
भाई का खून बहाने का
मार कर रावण जिस राम ने
मिटाया ज़ुल्मत था।
उस राम के मुल्क़ में
इंसानों को रावण बनाने का
जो किस्सा ज़ुल्म का
शुरु हुआ अखलाक से उसे
तबरेज तक पहुंचाने का
औऱ ना जाने कितने घरों के
चिरागों को बुझाने का
शुक्रिया मेरे सियासतदानो
मेरे हिंदुस्तान को
लिंचिस्तान बनाने का