शहीदों की याद में
शहीदों की याद में
भोग रहे हैं आज हम आजादी मस्तानी को,
भूल न जाना देश के लोगों वीरों की क़ुरबानी को।
एक समय था देश जब गोरों की हुकूमत चलती थी,
जुल्म बेइज्जती मार-पीट सब उनकी सहनी पड़ती थी।
सुख की साँस नहीं लेने दी, तरसे थे धरती पानी को,
भूल न जाना देश के लोगों वीरों की क़ुरबानी को।
झांसी की रानी लक्ष्मी बाई ने जब तलवार उठाई थी,
अंग्रेजों की सेना ने तब हाहाकार मचाई थी।
याद करेंगे लोग हमेशा उस औरत मर्दानी को
भूल न जाना देश के लोगों वीरों की क़ुरबानी को।
राजगुरु सुखदेव भगत सिंह भारत माँ के लाल हुए, ऊधम सिंह,
आज़ाद, बोस, लाल, बाल और पाल हुए।
लुटा दिया जिन्होंने देश की खातिर, तन मन जान जवानी को,
भूल न जाना देश के लोगों वीरों की क़ुरबानी को।
लाखों जानों के बदले मिली हमें यह आजादी,
आपस में ही लड़कर करो ना इसकी बर्बादी।
प्रेम बढ़ाओ 'अभिनव', छोड़ दो इस नादानी को
भूल न जाना देश के लोगों वीरों की क़ुरबानी को।।