"सच्चा रिश्ता"
"सच्चा रिश्ता"
जब आते हैं हम सब दुनिया में , कुछ रिश्ते साथ ही लाते हैं,
वो सारे रिश्ते अनमोल है बहुत, सारे रिश्ते बेशक प्यारे हैं।
ज़िन्दगी में बड़े होते होते पर कुछ और नाते जुड़ जाते हैं,
कई बार कुछ लोग हमारे दिल को खूब भा जाते हैं।
तलाश इस दुनिया में हर एक को उस एक सच्चे रिश्ते की रहती है ,
जो रिश्ता सबसे न्यारा लगे , सबको खोज उसी की रहती है।
रिश्ता वो ही सच्चा है यारों , जिस्में आपको कुछ कहना न पड़े ,
न समझना पड़े , न सहना पड़े , न ही कभी कुछ जताना पड़े।
जो आपकी आँखों को आपकी ज़बा खुलने से पहले पढ़े ,
नाता वही बेमिस्ल है यारों , जो बिन कहे आपकी चुप्पी समझ ले |
इस भागते वक़्त में जहाँ दुनिया के साथ लोगों के दिल भी छोटे हो चुके ,
बहुत नायाब है वो इंसान जो आपकी खातिर ठहरे , आपसे आपकी बातें सुने |
जिस ज़माने में खून के रिश्ते भी सफ़ेद होते नज़र आ रहे ,
कोई बेलौस गर साथ निभा जाये, तो खुद को खुश नसीब जानें।
जो वक़्त निकाले आपको वक़्त देने के लिए, उससे ज़्यादा आपका क़रीबी कौन होगा?
जो ग़म में आगे रहे ढाल बनकर, साथ बनकर , उससे अच्छा हमराही कौन होगा ?
जो बिन कहे हाथ थाम ले, मना करने पर भी साथ न छोड़े ,
जो ग़ुस्से के पीछे की वजह समझ ले , उससे बेहतर भी भला कोई होगा।
तकलीफ लाख बड़ी हो , जिसका पास रहना हौंसला दे जाये ,
सच्चा दोस्त वही है की दुनिया पास हो पर एक उसके न होने की आपको कमी खल जाये।
भरोसा करे पर जताये ना , अपने लफ्ज़ो के वार से जो तड़पाये ना,
जो आपको रोते हुए हंसा दे ,और आपसे कभी दूर जाये ना।
जो आपकी ग़लती आपको संभाले भी और समझाये भी ,
सच्चा रिश्ता तो वही है न, जो उम्मीद भी बँधाये और सही राह दिखाए भी |
जिसके साथ रहने के लिए आप अपनी ज़िन्दगी की दुआ माँगने लगें ,
जिसकी खुशियाँ और तकलीफें आप पर ज़रुरत से ज़्यादा असर दिखाने लगे।
जब ऐसा कोई मिल जाये जिसके ऊपर खुद से ज़्यादा भरोसा होने लगे।,
उस सच्चे रिश्ते को बहुत संजो के रखना , के कहीं किसी की नज़र न लगे।
खुशनसीब होते हैं वो लोग , जिनको ऐसे रब के बेमिसाल तोहफे मिलते हैं,
ये रोज़ रोज़ नहीं होता यारों के हर एक को ये बेशक़ीमती सच्चे रिश्ते मिलते हैं |
