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Shashank Tiwari

Others

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Shashank Tiwari

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सब सहो, मर्द बनो

सब सहो, मर्द बनो

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दारु ना चढ़ने की रेस लगाएं

मोटर गाडी थोड़ी तेज़ चलाएं

रात को माँ के पैर दबाएं

और पापा से आंखें चुराएं


सर्द रातों में सख्ती जताएं

नम आँखों को खुद से छुपाएं 

अँधेरे में डर को छुपाएं

घबराये, घर में छिपकली भगाएं


पर कैसे तुमको ये समझाएं

गर होता कोई राज़, तब तो बतलाएँ

सब संभालना चाह है, पहचान नहीं

उम्मीदों से यूँ ना जकड़ो, मर्द बनना इतना भी आसान नहीं


क्यों ना चूले की आंच से हमारा भी हाथ जले

क्यों ना नमक के नाप तोल में हम भी उलझे रहे

क्यों ना फुलझरी के साथ हम भी चहचहाए

सुतली बम से हम भी कतराएं


आखिर क्यों पिंक से परहेज़ करें

कब तक मर्द बनो के ताने सुनते रहें

क्यों समाज के शर्तो पे चलते रहें

आखिर कब तक दर्द नहीं होता कहते रहें


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