रंग:–
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आसमान रंगदार हुआ रंगो की बारिश से,
फागुन ऋतु में बहार सजी होली के आ जाने से।
प्रेम के रंग में रंग जाए जीवन, बड़ो का स्नेहाशीष मिले,
रंगो की बौछार खुशियाली लाए, आओ सखी हम गले मिले...
अबीर गुलाल उड़ाती ये हवा, एक रंगीन सुबह लाई है,
पलाश, कनेर, पारिजात, गुलाब रंगो का उत्सव लाई है।
मधुवन झूमे, झूमे गोपियाँ बाजे जब कान्हा की मधुर मुरलिया,
श्रीराधा संग श्रीगिरिधर होली खेले, देख के झूमे वृन्दावन की हर गलियाँ।
भेद भाव भूल सब पर हमें प्रेम का रंग बरसाना है,और
प्रत्येक होली, प्रभु के रंग में रंग जाऊं यही मेरी मनोकामना है।
