“ चटाख”....... फिर एक शीशा दरक़ा , हो गयी सुबह , आ कर , इस पत्थर ने बताया “ चटाख”....... फिर एक शीशा दरक़ा , हो गयी सुबह , आ कर , इस पत्थर ने बताया
बढ़ती उम्र ,मायने अलग,सामने जगह पाती ,पुरानी होती शराब . पिछ्वाड़े से भी पीछे धकेला जाता ,बूढ़ा बाप... बढ़ती उम्र ,मायने अलग,सामने जगह पाती ,पुरानी होती शराब . पिछ्वाड़े से भी पीछे ध...
मैं अपना देखूँ, कि तुम्हारा प्रस्तावना : देखा है किसी और देश में धन की पूजा होते ,भारत में होती है ... मैं अपना देखूँ, कि तुम्हारा प्रस्तावना : देखा है किसी और देश में धन की पूजा होत...
तेरा बड़प्पन , ना बख़ानी माँ मेरी , तू प्यारी माँ --------रविकांत राऊत तेरा बड़प्पन , ना बख़ानी माँ मेरी , तू प्यारी माँ --------रविकांत राऊत