प्रतिशोध
प्रतिशोध
पाकिस्तान कभी समझ नहीं सकता शांति और प्यार की भाषा
क्यों की वह आतंकी देश है आतंक ही उसकी भाषा,
आतंकवाद से खुद जलने से भी आतंकी को पनाह देते हैं
भारत की शांति और समृद्धि को जलाने की योजना बनाते हैं,
आतंकवादियों को हथियार के साथ भारत भेज देते हैं
४० वीरों को शहीद बना के जीतने सपने देखते हैं ,
रो पडी पूरे देश की जनता वीर शहीदों के लिए
एक आवाज में सबने बोला हमें तो बदला लना है,
सहने की सीमा ख़तम हो गई हमें तो बस लड़ना है
आतंकी देश को उनकी भाषा में आज सबक सिखाना है,
रात के अंधेरे में मिरेज उठा आकाश को चीरते हुए
आतंकी मारे, शिविर जलाये और चुप चाप लौट आये,
चालीस के लिए चार सौ मारे पाकिस्तान को डरा के आए,
फिर भेजोगे आतंक वादी तो लौटके हम फिर आएंगे
यृद्ध हम चाहते नहीं शांति से रहना जानते हैं,
अगर कोई आँख दिखाए उसे सबक सिखाते हैं
पाक जब हमें आंख दिखाया तो मिग ने उसे उड़ाया,
पर अभिनंदन पाकिस्तान से जल्द लौटके आया
अभिनंदन तुम्हे अभिनंदन हो तुम विजयी वीर हो,
करोड़ देशवासियों केआंखोमें तुम हीरो हो।