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Preetija Tripathi

Others

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Preetija Tripathi

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प्रकृति

प्रकृति

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देखती हूं तो उसी को देखती रह जाती हूं,

महसूस करती हूं तो उसी में डूब जाती हूं,

कितना सुकून है उसके पास मैं जता नहीं सकती ,

कुछ शब्दों में उसकी तारीफ को बता नहीं सकती,

ऐसा लगता है बड़ी फुर्सत से बनाया है विधाता ने उसको,

 "प्रकृति" का नाम दिया है हमने जिसको


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