प्रकृति
प्रकृति
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देखती हूं तो उसी को देखती रह जाती हूं,
महसूस करती हूं तो उसी में डूब जाती हूं,
कितना सुकून है उसके पास मैं जता नहीं सकती ,
कुछ शब्दों में उसकी तारीफ को बता नहीं सकती,
ऐसा लगता है बड़ी फुर्सत से बनाया है विधाता ने उसको,
"प्रकृति" का नाम दिया है हमने जिसको।