STORYMIRROR

Sakshi Mishra

Others

1  

Sakshi Mishra

Others

प्रेम

प्रेम

1 min
383

अब क्या करे जनाब आँखों की गुस्ताखी है

जो बातें ज़ुबान पर नहीं होती कमबख्त

आँखें बयां कर देती है


Rate this content
Log in