कुछ दर्द चिल्ला उठे थे पिछले बरस में अबके साल खुशियों की कविताएँ गाएंगे। कुछ दर्द चिल्ला उठे थे पिछले बरस में अबके साल खुशियों की कविताएँ गाएंगे।