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Sudhirkumarpannalal Pratibha

Others

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Sudhirkumarpannalal Pratibha

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पीली साड़ी एक असीम खुशी

पीली साड़ी एक असीम खुशी

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वो

बसंत ऋतु

हल्की-हल्की

धूप

मंद-मंद

हवा का

झोंका

पीली साड़ी में

छत पर आना

बाल झटकना

सुखाना

मेरी तरफ

नजरें करके

फिर

अगले हीं पल

हल्की

मुस्कान के साथ

नजरें हटा लेना

फिर हमें

देर तक

न देखना

सीढ़ी से

नीचे उतरना

और आंखों से

एक पहेली की

तरह

मुझे इशारा करना

मुझे असीम

खुशी देती है।


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