नन्ही परी
नन्ही परी
नयी किरण नया उजाला,
लेकर आई एक नन्ही परी
कितनी ख़ास थी वो नन्ही परी..
हँसना सिखाया मुझे....
संभालना सिखाया मुझे...
रूठी तोह मनाया मुझे....
किस तरह शुक्रिया करूँ
उस नन्ही परी का..
जब उदास होती हूँ मैं,
तब मुस्कान लाती है वो नन्ही परी..
और हर दुःख में हँसाती है वो नन्ही परी
जानती नहीं हूं किस तरह
शुक्रिया अदा करूँ उस नन्ही परी का..
नयी किरण नया उजाला,
लेकर आई एक नन्ही परी..
अगर न होती ज़िन्दगी मैं ये,
तोह पता नहीं ज़िन्दगी ही क्या होती.....
शुक्रिया करती हूँ उस भगवान का,
जिसने मुझे दी ये पारी।
अब बड़ी हो रही है ये नन्ही परी
जल्दी ही हो जायेगी अपने पैरो पे खड़ी..
ओ मेरी प्यारी परी, जब हो जायेगी बड़ी भूल
मत जाना कैसे अपनी माँ के साथ थी खड़ी...
तेरा साथ है अनमोल और तू भी अनमोल
कितनी प्यारी है मेरी परी..
नयी किरण नया उजाला,
लेकर आई एक नन्ही परी..
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यह कविता एक माँ की तरफ से उसकी बेटी के लिए है , क्योंकि बेटियाँ होती ही ख़ास है!!
बेटी बचाओ...
