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Agnisha Sharma

Others

5.0  

Agnisha Sharma

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नारी

नारी

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वह शक्ति का स्वरूप है,

वह दुर्गा का रूप है।

एक जनम में,

इस दुनिया में,

अनेकों रिश्ते है निभाती,

हर कदम पर बलिदान

देती जाती।


माँ के रूप में बनती

जीवनदायनी,

पत्नि के रूप में बनती

अनुचारिणी।

बहु के रूप में घर को

सँवारा,

बेटी के रूप में बनी

सहारा।


नारी, है अत्यंत सहनशालिनी

परंतु,अन्याय देख हो जाती

चण्डिरूपिणी।

कभी दिखाती अपना

दुर्गा रूप,

कभी बनती सोहिनी


है सहासी, है निडर,

है अद्भुत, है महान।

ऐसी होती है नारी,

अर्पण है चरणो में उनके

हार्दिक श्रद्धा हमारी।


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