मुक्तक : खुशियों का ठिकाना
मुक्तक : खुशियों का ठिकाना
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इस रंज ओ गम की दुनिया में खुशियों का ठिकाना कहाँ है
दर्द का विशाल महासागर है खिलखिलाने का बहाना कहाँ है
एक तू ही है प्रभु जहाँ मिलता है सुकून हर आम ओ रसूख को
तेरे दरबार के सिवा "सांवरिया" ये बेशकीमती खजाना कहाँ है
