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Priyanka rawat

Others

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Priyanka rawat

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मन की आशा

मन की आशा

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मन की आशा में डूब

जाने को जी करता है,

वह पूरे हो या ना हो दिल तो

उसकी ओर डूबने को मरता है।


चाहे हम कहीं भी हो हमारे

अंदर आशाएँ उमड़ आती है,                                

इससे समय की परवाह नहीं होती,

वह कभी भी आ ओर चली जाती है।


चाहता है दिल पूरी हो जाए वो आशा,

दिमाग कहता है कुछ तो मिलती है निराशा।

भूख लगती है खत्म भी हो जाती है,

पर कभी ना ख़त्म होने वाली है यह आशा।


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