मेरी माँ
मेरी माँ
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लाड़ से मुझको गले लगाए घर पर आई मेरी माँ ,
ईश्वर की प्यारी दुनिया में मुझको लाई मेरी माँ।
दूर से कितनी प्यारी लगती सपने बुनते मेरी माँ ,
मेरी राह के काँटों को आँखों से चुनती मेरी माँ।
सारे घर को चैन नींद की देकर सोती मेरी माँ,
सभी बलाओं को निपटाने आगे होती मेरी माँ।
वक़्त ने बदले रिश्ते सारे, पर ना बदली मेरी माँ ,
ईश्वर शायद वैसा ही है, जैसी दिखती मेरी माँ।
करना हर माँ का सम्मान, यही सिखाती मेरी माँ,
सबकी माँ प्यारी होती है, मुझको प्यारी मेरी माँ।