मेरी मां
मेरी मां
माँ तू कितनी प्यारी है,
सारे जग से न्यारी है।
हर दिन मेरे नयन जगे जब ,
चेहरा तू दिखलाती है ।
तिन-२ करके साथ बढ़े तू,
नित नया सिखलाती है।
माँ तू कितनी प्यारी.....
क ख ग से किया शुरू ,
जीवन पाठ पढ़ाया है।
जब-२ दुनिया से घबराई,
तू ही हिम्मत बन कर के आयी है।
माँ तू कितनी प्यारी....
एक रोज जब चुराई मिठाई ,
तूने जो मेरी करी पिटाई ।
मै तो रोई सी रोई,
माँ तेरी आँखे भी भर आयी ।
माँ तू कितनी प्यारी ।
इस सतरंगी जगत के रंग ,
तूने ही समझाये हैं ।
सूने मन के सपनों में ,
आशा के पंख लगाये हैं ।
माँ तू कितनी प्यारी ..................
हर चाहत पर अधिकार रखा ,
ये संभव तेरे दम पर हुआ ।
संघर्ष तेरा जीवन भर का,
मुझे हासिल चम-२ नाम हुआ ।
माँ तू कितनी प्यारी .................
सहने की क्षमता पत्थर तक,
ये तेरी ही तो देन मुझे ।
जब वार करूँ तो दुर्गा मै ,
ये अस्तित्व तेरे ही कारण है।
माँ तू कितनी प्यारी ...................
