मेरी बड़ी बहन
मेरी बड़ी बहन
दुनिया का सबसे पवित्र है भाई-बहन का रिश्ता।
बड़ी बहन होती है घर में जैसे कोई का फरिश्ता।
बिन मांगे ही छोटे की उसे हर मुराद का ध्यान रहे।
बोलो ऐसी बहन पर क्यों ना मुझे अभिमान रहे।
एक साल पहले से मेरी ख़्वाहिश को सबसे जाने।
रक्षाबंधन पर मुझ को वो उपहार देकर ही माने।
अब आता मुझ को खयाल उसका जब मुझसे दूर है।
शायद मिलने नहीं आएगी वो अभी मजबूर है।
किया फोन उसने मुझ को की राखी मैं भिजवा दूंगी।
जो तू चाहे वो खरीदकर मैं सम्भाल रखवा दूंगी।
किसी ग़रीब-असहाय बहन से राखी तुम बंधवा लेना।
उसे समझ मेरा स्वरूप अक्षत तिलक लगवा लेना।
उसके चेहरे पर खुशी और आंखों में चमक दे देना।
रक्षाबंधन पर उसको भी तुम रक्षा का वचन दे देना।
रेशम की इस डोर का सबसे ताकतवर है बन्धन।
जाती धर्म को बांधे रखता वो पर्व है रक्षाबंधन।
