मौत
मौत
संसार में हजारों चीजें हैं ।
लेकिन नामक तो सबके घर में है,
जो गरीब हो या अमीर हो
नमक तो सबके घर में है,
और मार्गं तो कुछ ही घर में है।
सारी उम्र तो किसी ने नहीं पूछी कैसे जी रहा है?
क्या हाल-चाल है?
जीने की वजह तक नहीं पूछी,
पर मौत वाले दिन सब ने पूछा कि कैसे मरा?
कार ,मकान ,खेती , बॉडी, सोने ,चांदी और मोती
सब कुछ पीछे नहीं आएंगे मौत के बाद
मकान और दुकान भी साथ नहीं आएंगे ।
पति के साथ पत्नी भी नहीं आती है
जिसे अर्धागिनी कहते है लोग,
बेटा,बेटी ,माता और पिता भी।
फिर कौन आएगी मेरे साथ ,परछाईं ?
परछाई भी अंधेरे में चली जाती है
लेकिन मौत पीछे आते रहती है
मौत ही शास्वत है इस दुनिया में
मौत ही हमारा सच दोस्त मान लो,
इस बात को।