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Neha Krishna

Others

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Neha Krishna

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मैं कौन हूँ

मैं कौन हूँ

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शाख़ से टूट, बिखर गया

गलियाँ गलियाँ, हवाओं का हाथ थाम, मैं तेरे छत पे आ लेटा हूँ  

एक नींद भर का आराम बक्श दे 

रंज और रश्क भरी दुनिया में 

कुछ पल तन्हा-आम बक्श दे 

सवाल या निशान मत पूछ

मैं कौन हूँ मत पूछ

ऐ मेरे दाता,  ऐ मेरे मौला,

 ऐ मेरे दाता ,ऐ मेरे मौला

 

अपने दीवानेपन पे ऐतबार हैं

दिल में कई तूफ़ानों का घर और कारोबार हैं

 

मैं ज़्यादा देर नहीं रुकूँगा, एक नींद भर आँख मूँद लेने दे

ख़्वाबों में तेरा दीदार हो लेने दे

फिर तो ये सफ़र छोड़ एक नऐ सफ़र जाना है 

मेरा सफ़र-नामा मत पूछ 

मैं कौन हूँ मत पूछ

 ऐ मेरे दाता, ऐ मेरे मौला,

ऐ मेरे दाता, ऐ मेरे मौला

 

मेरे दाता, 

इस दीवानेपन की ताबीर मत पूछ

मेरे मौला,

तूफ़ानों को क्यूँ दी पनाह मत पूछ

मैं कौन हूँ मत पूछ

 

ऐ मेरे दाता, ऐ मेरे मौला,

ऐ मेरे दाता, ऐ मेरे मौला

 

 


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