मैं अबला नहीं
मैं अबला नहीं
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मैं अबला हूॅं,
जब तुमने रोका।
मैं अबला हूॅं,
जब तुमने टोका।
मैं अबला हूॅं,
जब तुमने जन्म लेने पर गला घोटा।
मैं अबला हूॅं,
जब तुमने लड़का-लड़की के भेद-भाव का मुखोटा ओढा।
मैं अबला हूॅं,
जब तुमने कलम छीन चूल्हा-चौका सोंपा।
मैं अबला हूॅं,
जब तुमने गंदी नजरों से देखा।
मैं अबला हूॅं,
जब तुमने अंहकार के नीचे रौंदा।
मैं अबला हूॅं,
जब तुमने मेरे अस्तित्व को कचोटा।
मैं अबला हूॅं,
जब तुमने आगे बढ़ने के डर से मुझे पीछे घसीटा।
मैं अबला हूॅं,
जब तुमने जीवन के निर्णयों में साथ छोडा़।
मैं सच में अबला थी और अबला हूॅं
क्योंकि मैंने तुझ जैसे समाज को जन्म दिया।
मैं अबला नहीं।