माना की...
माना की...

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माना कि तपिश में वो पहले सी बात नहीं,
पर इसका ये मतलब नहीं के आग नहीं..!!
माना कि तेरी तलब में अब या-इलाही नहीं,
पर ये भी नहीं के तू अब मेरी जान नहीं...!!
माना कि सिसकने में पहले सी आवाज नहीं,
पर दर्द कम हो गया हो ऐसी भी बात नहीं..!!