माँ ..
माँ ..
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सोते को जगाती है,
हारे हुए को जिताती है,
आत्मविश्वास से भरी,
वो मेरी मां है।
रूठ जो कभी मैं जाऊं,
मुझको मानती है,
दर्द से कभी मैं जो रोऊं,
मुझे सीने से लगाती है,
वो मेरी मां है।
सोच कर सिहर जाता हूं मैं,
यदि मां कहीं चली गई,
इस जालिम दुनिया में मुझे तन्हा छोड़कर,
क्या होगा मेरा?
मैं जी पाऊंगा , या मां के साथ जाऊंगा,
वो मेरी मां है।
