Lovely Prabha

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माँ

माँ

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शब्दों से जिसे बयां नहीं किया जा सकता,

ऐसी होती हैं माँ कि अपार ममता।

ईश्वर का दूसरा रूप है माँ,

हर किसी कि जान है माँ,

माँ बिन जग ये सूना है,

इसलिए ख़ुदा ने माँ को चुना है।

जिंदगी में हमारे माँ कि

अतुलनीय भूमिका है,

बिन तेरे माँ यहाँ,

कहाँ चली किसी कि जीविका है।

गलतियों को जिसने

हमेशा हैं माफ किए,

बचपन बीते, बड़े होने तक

माँ ने अच्‍छे संस्कार दिए।

आँचल में छुपा ना कभी

अपने से दूर किया,

हमारे लिए ना जाने कितने

आँसुओं का घूँट पिया।

खेल ही हैं कुछ ऐसा दुनिया का

जिसमें मौसम रुख बदलता है,

कारण जो भी हो,

हमें अलग कर ही देता हैं ।

प्यार में जिसके कोई स्वार्थ नहीं, वो माँ है,

हर देवी का स्वरूप माँ है,

त्याग माँ, बलिदान माँ,

हर किसी कि जान माँ है।

जननी माँ, धरती माँ,

पैरों में जिसके जन्नत माँ,

हमारी मन्नत माँ,

अंधेरों में उजाला माँ,

मुश्किलों का सहारा माँ,

जो हुक्म दे तो सजदा करूँ,

तेरी ही उंगली पकड़कर आगे बढूँ।

दुआ हमारी बस इतनी सी है,

कि माँ बिन कोई घर ना हो,

और अपने बच्चों के रहते

कोई माँ बेघर ना हो॥


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