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urjja chaliha

Others

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लोग कल्युग को दोषी ठहराते हैं

लोग कल्युग को दोषी ठहराते हैं

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इस दुनिया में अब चाहे हो कोई भी बुरा कर्म

हो कही पर विध्वंश या कला हो स्त्री का सम्मान ,

लोग कल्युग को दोषी ठहराते हैं।


नहीं देखते हैं खुद को एक बार भी आईने में

और दूसरो पर हर वक़्त ऊँगली उठाते हैं

अगर किसी ने दिखा भी दी इनको इनका चरित्र

तो लोग कल्युग को हे दोषी ठहराते हैं।


पहन के घूमते हैं मुँह पर मुखौटा हर वक़्त

बहार मुस्कान और भीतर ईर्ष्या से तपते रहते हैं

सामर्थ्य नहीं रखते सामने से वार करने का

इसीलिए गले से लगाकर पीछे से खंजर मारते हैं

और किसीसे भी पूछ लेना इन् दुष्कर्मो का कारन

लोग कल्युग को दोषी ठहराते हैंं।


क्यों हम खुदको नहीं परखते हैं ?

क्यों खुदपर ऊँगली नहीं उठाते ?

जब होती हैं वस्त्रहरण यहाँ हर रोज़ लाखो द्रौपदीयो की,

तोह क्यों हम चुप चाप सहते रहते हैं ?


हो ही नहीं सकता कोई भी युग अपने आप में हे सही या गलत

खुद ही सोचिये कैसे कर सकती हैं सिर्फ एक समय की सीमा कर्मो को नियंत्रण ?

खुद विचार करे अगर इस युग में जी रहे लोग

छोड़ दे खुद का स्वार्थ , त्याग दे बेकार की माया

और समझ पाए प्रेम का सम्बन्ध

क्या नहीं बन पायेगा कल्युग भी सत्ययुग सा सरल ?


दिखा दो हिम्मत लड़कियों तुम्हारे हिम्मत के आग में सब जल जायेंगे

शस्त्र उठा लो द्रौपदियो अब तुम्हे बचाने गोविन्द नहीं आएंगे!



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