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लास्ट चांस

लास्ट चांस

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रूठी तो कई बार थी मुझसे,

पर इतना दर्द तो न होता था,

जिस प्यार की खातिर किये कितने समझौते,

वो प्यार खुद में एक समझौता था।

 

दूर होके वो मुझसे कितनी खुश है,

पहले तो यकीं नहीं होता था,

टूटे सपनों की चीखें सोने नहीं देतीं,

उसके अदाओं में खोया पहले भी कहाँ सोता था।

 

उस घर के आते ही मेरे कदम तेज हो जाते हैं,

जिसकी खिड़की पर मैं घंटों खड़ा होता था,

संभाल लेता खुद को जब पहली बार उसे देखा था,

पास मेरे बस वही एक मौका था।

 


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