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VAJID ALI

Others

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VAJID ALI

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कविता

कविता

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जिसमे भाव न हो, वा कविता नहीं

फूट जाये चाहे जब ये वो सरिता नहीं।

कुछ भाव होते हैं, कुछ अहसास होता है

राचित होता है, जो आस - पास होता है।

लिख डालने की एक तरकीब होती है

लिखने वाले के बड़े करीब होती है।

तख्ता पलट ताक़त है लेखनी की

मगर क़लम ये बडी ग़रीब होती है।

सीमाओं मे न बँध सके, बड़ी धारदार होती है

छूकर देख लेना कभी, जिगर के पार होती है ।

जादू इसका बड़ा असर दिखाता है

आइना जैसे, वयक्तित्व की कसर दिखाता है।

उमड़ते ख्वाबों का काफिला होती है,

खुद के व्यक्तित्व का आइना होती है।



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