कृष्णा तुम कब आओगे?
कृष्णा तुम कब आओगे?
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अधर्म हो चला है अब सहन से परे,
दुर्योधन, दुशासन हैं अब हर ओर खड़े,
कहीं कोई चीर करे हरण,
कहीं चरित्र करे कोई हनन,
अग्नि परीक्षा देकर भी,
नारी के ही भर आयें नयन
कर हर आयु की मर्यादा का उल्लंघन,
आज का रावण लगा रहा हर जीवन पर ग्रहण,
अरे कृष्ण , तुमने कहा था ….
करने रक्षा और स्थापित करने धर्म ,
हर युग में आओगे लेकर जन्म,
किन्तु है, तुम्हे अभी भी प्रतीक्षा,
कि मानव का हो और पतन…
हे कृष्णा, चेतो, नारी का हो रहा है भक्षण,
जगत जननी को और कितना रुलाओगे?
इस युग के असुरों का संहार करने,
ओ देवा, कृष्णा तुम कब आओगे?