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Akshay Bhargav

Children Stories

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Akshay Bhargav

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कर्म

कर्म

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कहीं ना कही कर्मो का डर है |

नहीं तो गंगा पर इतनी भीड क्यो है ? 

जो कर्म को समझता है उसे धर्म को 

समझने की जरुरत ही नहीं

पाप शरीर नहीं करता विचार करता है |

और गंगा विचारोको नहीं |

सिर्फ शरीर को धोती हैं |

शब्दो का महत्व तो

बोलने के भाव से पता चलाता हैं |

वरना वेलकम तो 

पायदान पर भी लिखा होता है |


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